कैसे नोएडा के एक छोटे से कमरे से 65 साल का यह शख्स हर महीने लाखों की कमाई कर रहा है? जानिए रमेश गेरा की प्रेरणादायक कहानी
रमेश गेरा की कहानी एक सच्ची प्रेरणा है कि कैसे सही वक्त पर सही निर्णय और आधुनिक तकनीक के उपयोग से कोई भी छोटा सा व्यवसाय बड़े पैमाने पर सफलता प्राप्त कर सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे नोएडा के एक छोटे से कमरे में बैठा एक शख्स केसर फार्मिंग के जरिए हर महीने लाखों कमा रहा है।
रमेश गेरा की जर्नी: एक इंजीनियर से केसर फार्मिंग तक
साल 1980 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल
करने के बाद रमेश गेरा ने मल्टीनेशनल कंपनी में जॉइन किया। उन्होंने अपने 35
साल के करियर में दुनिया भर में यात्रा की, और
यहीं से उनकी केसर फार्मिंग की प्रेरणा मिली।
साउथ कोरिया में मिला केसर फार्मिंग का आइडिया
रमेश गेरा की यात्रा के दौरान, जब वह 2002 में साउथ कोरिया में थे, तो वहां की एडवांस फार्मिंग
तकनीकों ने उन्हें चौंका दिया। साउथ कोरिया में केसर फार्मिंग, माइक्रो ग्रीन्स, पॉली हाउस, और
इंडोर फार्मिंग जैसी मॉडर्न तकनीकें अपनाई जा रही थीं। यही वह समय था, जब रमेश ने ठान लिया कि वह इस तकनीक को भारत में भी लाएंगे।
2017 में रिटायरमेंट के बाद की नई शुरुआत
2017 में रिटायरमेंट लेने के बाद, रमेश ने अपने सपने को साकार करने का फैसला किया। नोएडा के सेक्टर 63
में सिर्फ 100 वर्ग फुट के कमरे में केसर की
खेती शुरू करने के लिए उन्होंने एक पूरा सेटअप तैयार किया। इस प्रोजेक्ट में लगभग 4
लाख रुपये का निवेश किया गया और 2 लाख रुपये
के केसर बीज कश्मीर से मंगवाए गए।
इंडोर केसर फार्मिंग की खासियत
रमेश गेरा ने एक विशेष तकनीक अपनाई जिससे उनके कमरे में तापमान और आर्द्रता पूरी तरह से नियंत्रित रही। इस तकनीक के जरिए वह कश्मीर की उच्च गुणवत्ता वाले केसर का उत्पादन कर पाए। परिणामस्वरूप, उनका उगाया हुआ केसर कश्मीर के टॉप केसर के बराबर था।
भारत में केसर की बढ़ती डिमांड और कारोबार का मौका
भारत में केसर की भारी डिमांड है, लेकिन उत्पादन की कमी के कारण
अधिकांश केसर इरान से आयात किया जाता है। यही वजह है कि भारतीय बाजार में केसर की
कीमत 3.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाती है,
और अगर इसे विदेशों में निर्यात किया जाए तो इसकी कीमत 6 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक हो सकती है।
केसर फार्मिंग का कम खर्च और अधिक मुनाफा
रमेश गेरा ने अपने केसर फार्मिंग प्रोजेक्ट में कम खर्च और उच्च
मुनाफे का मॉडल अपनाया। उनके फार्मिंग सेटअप की मासिक बिजली बिल 4000 से
4500 रुपये तक आता है, और यह भी केवल
चार महीने तक, क्योंकि इसके बाद सिस्टम बंद कर दिया जाता है।
इस तरह, छोटे स्पेस में बड़ा मुनाफा संभव हो गया।
रमेश गेरा की सफलता के महत्वपूर्ण कारण
रमेश गेरा की सफलता की कहानी में कुछ प्रमुख बातें हैं जिन्हें हम सीख
सकते हैं:
- सही
तकनीक का उपयोग: रमेश ने पारंपरिक कृषि विधियों के
बजाय आधुनिक तकनीकों को अपनाया, जिससे कम जगह और कम
खर्च में उच्च उत्पादन संभव हुआ।
- कम
लागत में अधिक मुनाफा: उनका मॉडल दिखाता है कि सही तकनीक
और सही योजनाओं से कम लागत में भी बड़े मुनाफे की संभावना है।
- विदेशी अनुभव का उपयोग: उनका विदेश यात्रा का अनुभव भी बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने विदेशी फार्मिंग तकनीकों को समझा और उन्हें भारत में लागू किया।
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केसर फार्मिंग में एक नया अवसर
रमेश गेरा की कहानी यह सिद्ध करती है कि सही समय पर सही निर्णय और
आधुनिक तकनीक का उपयोग करके कोई भी छोटा व्यवसाय बड़े पैमाने पर सफलता प्राप्त कर
सकता है। केसर फार्मिंग एक ऐसा अवसर है जो किसानों और व्यापारियों को एक नई दिशा
दे सकता है। अगर आप भी छोटे पैमाने पर व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो
केसर फार्मिंग आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।